भारत-चीन तनाव और मीडिया का पागलपन

 परिचय

ज्यादातर लोगों को लगता है कि भारत चीन के बीच तनाव लगभग मार्च 2020 से ही शुरू हुआ है लेकिन वास्तव में भारत चीन के सैनिकों के बीच अक्सर झड़प होती रहती है चाहे वह अरुणाचल प्रदेश हो या सिक्किम की घाटियां आज हम भारत- चीन तनाव के बीच मीडिया का आग में घी डालने वाला काम बताएंगे |

महत्वपूर्ण बिंदु

  • टीआरपी के लिए आकर्षक हैडलाइन डालती है मीडिया
  • मीडिया से बिगड़ सकते हैं दोनों देशों के संबंध

1962 मैं भारत की बुरी तरह हार के बाद से ही भारत और चीन के बीच सीमा विवाद रहा है ऐसे विवाद 1967 की तरह छोटी झड़प में अक्सर बदल जाते हैं इनसे अलग अगर हम अभी की मीडिया की बात करें तो उनका न्यूज़ दिखाने का तरीका कुछ इस प्रकार है-

कुछ मीडिया चैनलों की हेड लाइन लिख रही है कि भाग जिनपिंग भाग तो कुछ लिख रहे हैं चीन का मोदी भय ड्रैगन की अकाल मृत्यु तय 

भारत-चीन तनाव और मीडिया का पागलपन


आप नीचे देख सकते हैं कि लिखा हुआ है ड्रैगन का फेक एटमी रसूख, बीजिंग में भूख

media ka pagalpan


चक्रव्यूह में फंसा चीन कांप उठा बीजिंग

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सारांश

मीडिया को हमेशा अच्छी पत्रकारिता करनी चाहिए ना की आकर्षक हेड लाइन द्वारा दर्शकों का ध्यान आकर्षित करना चाहिए क्योंकि मीडिया का मुख्य उद्देश्य खबरें दिखाना है लोगों को भ्रमित करना नहीं, समाचार का अर्थ ही समान आचार होता है ना कि पक्षपात करना


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