बीबीसी द्वारा भारत विरोधी पत्रकारिता एवं निष्पक्षता पर उठते संदेह का संपूर्ण विश्लेषण

  बीबीसी अर्थात ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन विश्व का एक जाना माना खबरों का प्रसारण करने वाला  संघ है,  जो रेडियो और टेलीविजन पर अपना प्रसारण करता है इसकी शुरुआत 1922 में रेडियो के रूप में हुई थी जो बाद में टेलीविजन के लिए भी जाना जाने लगा, इसके साथ बता दे कि BBC के संस्थापक जॉन रीथ है.

बीबीसी का नारा है कि "This is what we do" जिस का हिंदी में अर्थ होता है कि "हम ये करते हैं" लेकिन यह वास्तव में क्या करते हैं इसका हम आज संपूर्ण विश्लेषण करेंगे बीबीसी की पत्रकारिता हमेशा से ही संदेह जनक रही है, चाहे वह किसी व्यक्ति की जीवनी को घुमा फिरा कर लिखना हो या किसी देशों के संबंधों को अपने अनुसार तोड़ मरोड़ कर प्रकट करना हो बीबीसी भारत में बेहद निम्न स्तर की एवं भ्रामक पत्रकारिता के लिए जाना जाता है भारत के कई लोग बीबीसी की पत्रकारिता पर संशय कर चुके हैं

बीबीसी द्वारा भारत विरोधी पत्रकारिता हिंदी में

 जब मैं 2019 में भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के धारा 370 को हटाए जाने के बारे में भारत की नेशनल मीडिया में देख रहा था तब से मैंने बीबीसी पर रिसर्च करना शुरू किया 

 बीबीसी की पत्रकारिता किसी पार्टी विशेष के विरोध में ❎negative  यानी नकारात्मक  एवं किसी एजेंडे को लेकर आगे बढ़ाने वाली रही है

 शुरुआत में बीबीसी ने एक यूट्यूब चैनल पर प्रसारण किया कि उन्होंने जम्मू कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद वहां पर स्थानीय लोगों पर हो रहे जुल्म के बारे में एक ऑपरेशन करके जानकारियों को खंगाला है  वहीं दूसरी ओर भारत के राष्ट्रीय मीडिया का दावा था कि धारा 370 हटने के बाद किसी भी पत्थरबाज की या भीड़ द्वारा हिंसा में किसी भी व्यक्ति विशेष की मौत नहीं हुई है लेकिन बीबीसी की पत्रकारिता इससे उलट थी बीबीसी का दावा था कि भारतीय सेना कश्मीर के एक स्थानीय गांव में जाकर ग्रामीणों के साथ बेवजह मारपीट कर रही है एवं दो व्यक्तियों को बुरी तरह घायल भी किया है

anti Indian news by BBC

इसके साथ-साथ बीबीसी ने अपनी पत्रकारिता में नरेंद्र मोदी जो कि भारत के प्रधानमंत्री है एवं अन्य बीजेपी के ऑफिशियल लोगों के बारे में भी भ्रामक खबरें फैलाई है इनका मुख्य एजेंडा किसी राष्ट्र को नकारात्मक रूप से दिखाना है

मैं यह नहीं कह रहा कि बीबीसी हमेशा ही भ्रामक और नकारात्मक खबरें देता है लेकिन जो बीबीसी के दर्शक हैं वह इसके बारे में पूर्ण रूप से जानते हैं बीबीसी ने कही बार निष्पक्ष पत्रकारिता भी की है लेकिन इसे हम पूर्ण रूप से निष्पक्ष पत्रकारिता नहीं कह सकते 

इसके साथ-साथ बीबीसी हमेशा से ही आयरलैंड की आजादी के बारे में खबरों को छुपाता रहता है वहां के स्थानीय लोग क्या चाहते हैं यह खबरें भी बीबीसी किसी गुफा में पड़े कचरे के समान रखता है क्योंकि इनका नारा है "दिस इज व्हॉट वी डू"

मैंने अपनी रिसर्च  में पाया कि धारा 370 के बाद के सिर्फ 2 से 3 महीने में बीबीसी ने लगभग जम्मू कश्मीर पर 100-150 खबरें छाप  दी जो कि एक  एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रमाण मात्र ही काफी है

BBC particular agenda on Kashmir

 इसके साथ-साथ बीबीसी का एजेंडा भारत विरोधी देशों के लोगों को भारत से उच्च श्रेणी का बताना एवं एवं भारत के लोगों को उनके बारे में गुणगान करने के लिए किसी प्रकार से मानसिक युद्ध को आगे बढ़ाने जैसा है . 

बीबीसी द्वारा भारत विरोधी पत्रकारिता का विश्लेषण

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